HI : For The Hindu, By The Hindu
सन्यासी बाबा
कैंसर हॉस्पिटल
संत सम्मेलन
Forgot Password
Mahakumbh
लॉरेन पावेल
रामलला दर्शन
साधू जी सीताराम
ffd er re
sd rt wer t
sd g rt wer
exapj o d
this is first
मो सम दीन न दीन हित, तुम्ह समान रघुबीर।
अस बिचारि रघुबंस मनि, हरहु बिषम भव भीर॥
कामिहि नारि पिआरि जिमि, लोभिहि प्रिय जिमि दाम।
तिमि रघुनाथ निरंतर, प्रिय लागहु मोहि राम।
राम भरोसो राम बल, राम नाम बिस्वास।
सुमिरत सुभ मंगल कुसल, मांगत तुलसीदास॥
सीता लखन समेत प्रभु, सोहत तुलसीदास।
हरषत सुर बरषत सुमन, सगुन सुमंगल बास॥
राम बाम दिसि जानकी, लखन दाहिनी ओर।
ध्यान सकल कल्यानमय, सुरतरु तुलसी तोर॥
पंचबटी बट बिटप तर, सीता लखन समेत।
सोहत तुलसीदास प्रभु, सकल सुमंगल देत॥
कहा कहों छवि आपकी , भले विराजे नाथ ।
तुलसी मस्तक तब नबै, धनुष बाण लो हाथ ।।
कहा कहों छवि आपकी , भले विराजे नाथ ।
तुलसी मस्तक तब नबै, धनुष बाण लो हाथ ।।
एकु छत्रु एकु मुकुटमनि, सब बरननि पर जोउ।
तुलसी रघुबर नाम के, बरन बिराजत दोउ॥
कोटि कल्प काशी बसे, मथुरा कल्प हजार।
एक निमिष सरयू बसे, तुलै न तुलसीदास॥
राम न मारे काहुकों, ऐसे मोरे राम ।
अपने आप मर जाएंगे, कर कर खोटे काम ।।
एक घड़ी आधी घड़ी , आधी में पुनि आध ।
तुलसी संगत साधु की , हरहुं कोटि अपराध ।।
राम झरोखा बैठ कै , सबका मुजरा लेत ।
जैसी जाकी चाकरी , प्रभु वैसा ही फल देत।।
अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काज।
दास मलूका कह गए, सबके दाता राम॥
सियावर रामचंद्र की जय, पवनसुत हनुमान की जय।